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विवादित पूर्व आईपीएस रघुवीर सिंह मीणा ने कपड़ों की तरह बदली जातियां, जाति बदल चुनाव लड़कर जीते

सिटी टुडे। गुना जिले की मूलनिवासी रघुवीर सिंह मीणा ने विवादों से हमेशा गहरा नाता रहा है। प्राप्त जानकारी अनुसार रघुवीर मीणा ने पुलिस में भर्ती होने के लिए स्वयं को आदिवासी वर्ग का बताकर शपथ पत्र के आधार पर विदिशा जिले की लटेरी तहसील के ग्राम मडावता का निवासी बता कर आदिवासी होने का जाति प्रमाण पत्र लेकर पुलिस मे डीएसपीके पद पर भर्ती होकर आईपीएस भी बन गए यही नहीं इस बीच अपनी पहली पत्नी को तलाक दिए बिना दूसरी शादी भी कर ली इन दोनों आरोपों की जांच सालों तक चलती रही। जाति प्रमाण पत्र को भी छानबीन समिति ने गलत बताया मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा हाईकोर्ट से भी पुनः जांच कर रघुवीर मीणा का पक्ष सुनने की बात के आदेश जारी हुए परंतु वह आदेश भी मंत्रालय की लाल बस्ते में कैद है।

बिना तलाक दूसरी बाद शादी का मामला भी सालों की जांच के बाद तत्कालीन अपर पुलिस महानिदेशक ए. मनोहर साई ने जांच के बाद विभाग प्रशासन को जो प्रतिवेदन सौंपा उसमें भी रघुवीर मीणा को दोषी मानकर उसके विरुद्ध कार्यवाही के लिए लिखा वह मामला भी फाइलों में कैद है। पत्नी विधायक ममता मीना ने अपने पति के बचाव में सरकार पर दबाव बनाए रखा अब वह विधायक नहीं है परंतु सत्ता एवं संगठन पर दबाव बरकरार होने के कारण क्षेत्र में इस परिवार का आतंक बताया जाता है। आलम देखिए कि कथित प्रमाण पत्र और शासकीय नियमों के उल्लंघन और बिना तलाक दूसरी शादी के बावजूद रघुवीर सिंह मीणा दिसंबर 2021 में सेवा मुक्त हो गए परंतु इनके विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।

सेवामुक्त के बाद लाट साहब यानि रघुवीर मीणा की भी राजनीतिक लालसा बड़ी तथा खुद जिला पंचायत का अध्यक्ष बनने के लिए एक नया षड्यंत्र रचा और फिर से अनुसूचित जनजाति से पिछड़ा वर्ग  जाति प्रमाण पत्र का तथा आरक्षित पिछड़ा वर्ग की सीट से रघुवीर सिंह मीणा ने चुनाव लड़ने के लिए स्वयं दबाव में राज्सव अधिकारियों से प्रतिवेदन बनवा कर खुद आदिवासी से पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाण पत्र बनवा पर चुनाव लड़ा जुगत लगाकर चुनाव जीत भी लिया। सिटी टुडे को इनके दोनों विवादीत जाति प्रमाण पत्र साक्ष्य कद रूप में मिले जो आप सबको इस समाचार के माध्यम से पढ़ने में देखने को सलंगन कर रहे हैं।

पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए रघुवीर सिंह मीणा द्वारा कालम 9 मे 1950 /1984 के आधार पर स्वयं को गुना जिले के अजगरी गांव का निवासी बताया है. परंतु आदिवासी जाति प्रमाण पत्र लेने के लिए इनके द्वारा स्वयं को विदिशा जिले की लटेरी तहसील के मडावता गांव का निवासी बताया है क्या सच है क्या झूठ है पाठक खुद समझ गए हैं। विवादित जाति प्रमाण पत्र के आधार पर रघुवीर मीणा जिला पंचायत के सदस्य बन गए परंतु जिला अध्यक्ष नहीं बन सके क्योंकि जातीय समीकरण के आधार पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने धाकड़ समाज को प्रतिनिधित्व देकर इसी जाति के महेंद्र सिंह धाकड़ को जिला पँचायत अध्यक्ष चुनावी प्रक्रिया के माध्यम से बनाया इसी बात से रघुवीर मीणा दंपत्ति नाराज हो गई सत्ता एवं संगठन को चुनौती देने के लिए कमर कस कर रघुवीर ममता मीणा ने अपना यह बदला नगर पालिका गुना की अध्यक्ष पद के निर्वाचन में अपने व्यापारिक मित्र अरविंद गुप्ता की पत्नी को भाजपा प्रत्याशी के विरुद्ध चुनाव लड़ा सविता अरविंद गुप्ता को गुना नगर पालिका का अध्यक्ष बनवाने में सफलता अर्जित कर सत्ता एवं संगठन को चुनौती देने के बाद भी सत्ता एवं संगठन इस दंपत्ति पर अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं कर सके यह रहस्य बना हुआ है।

फिलहाल प्राप्त जानकारी अनुसार अब यह पूरा मामला जल्दी ही न्यायिक प्रक्रिया के तहत न्यायालय मैं पहुंचने वाला है परंतु इसके पूर्व जिला निर्वाचन अधिकारी गुना को रघुवीर मीणा का चुनाव रद्द करने के लिए जल्दी ही स्थानीय स्तर पर कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है।

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